जो कल था वो आज नही है और जो आज है वो कल नही होगा। संसार में कोई भी चीज शाश्वत नही है। परिवर्तन ही एक शाश्वत सत्यहै।
परिवर्तन किसी भी प्रकार का हो सकता है। स्थान के आकार, जलवायु में परिवर्तन अथवा जीवों के आचार-विचार, व्यवहार या रूप रंगआदि में परिवर्तन।परिवर्तन राजनीतिक, सामाजिक, भौगोलिक या युग का भी होता है।
परंतु कभी हमें परिवर्तन पसंद आता है और कभी नहीं किंतु हमारे पसंद नापसंद से परिवर्तन न रूका है न रुकेगा।
तनिक विचार कीजिए, यदि परिवर्तन न होता तो शायद धरती पर मनुष्यों की उत्पाती भी न हुई होती, मनुष्यों के सोच और विचार मेंपरिवर्तन न होता तो शायद आज हम जिन अत्याधुनिक सुख सुविधाओं का उपभोग कर पा रहे हैं वो न कर पाते।
जो जिस समय , जिस काल में होता है उसे वो समय हि उपयुक्त और योग्य लगता है जबकि सत्य यह है की परिवर्तन सदैव ही एक नएभविष्य की नींव होती है।परिवर्तन ही जड़ को चेतन बनाता है।
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