#पूर्वनिर्धारित
जन्म और मृत्यु के सिवा जीवन में कुछ भी पूर्वनिर्धारित नही है और अगर कुछ है भी तो उसे अपने कर्मों से बदला जा सकता है।
पर जीवन में अनेक बार ऐसी परिस्थिति आती है जब व्यक्ति चाह कर भी अपने दुर्भाग्य को टाल नही पाता है। अतः यह मानने को भी बाध्य होना होगा कि जीवन के कुछ अंश पूर्व जन्म के कर्मों के कारण पूर्वनिर्धारित होते हैं।
आप सभी ने काली दास की कहानी अवश्य पढ़ी होगी :
विद्योत्तमा के द्वारा धिक्कारे जाने पर कालिदास इतने दुःखी हुए कि उन्होंने निश्चय किया कि मैं तब तक अपनी पत्नी के पास नहीं जाऊँगा जब तक मैं विद्वान नहीं बन जाऊँगा। इसी उद्देश्य को लेकर वो माँ काली के मन्दिर में कई दिन तक भूखे प्यासे रहकर माँ की उपासना करते रहे और माँ काली के वरदान से विद्वान बने।
ऐसा कहा जाता है की पूर्वजन्मों के कर्मों के प्रभाव से काली दास को विद्या की प्राप्ति नही हो सकती थी। परंतु वो विद्वान बने यह सत्य है ।
उन्होंने माँ काली की तपस्या की या विद्या अर्जन हेतु तपस्या की मैं यह तो नही कह सकता परंतु मैं यह अवश्य कह सकता हूँ की उन्होंने कर्म किया।
परिणामस्वरूप आज काली दास कृतियाँ हमारे सामने हैं।
अर्थात्, जन्म और मृत्यु के सिवा जीवन में कुछ भी पूर्वनिर्धारित नही है और अगर कुछ है भी तो उसे अपने कर्मों से बदला जा सकता है।
– अजय
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